shiv chalisa lyricsl Options

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

नित्त नेम उठि shiv chalisa lyricsl प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

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